The inner voice of mine 😊 शीर्षक - मैंने भी खूबसूरत हूँ... सब कहते हैं , बहुत पतली है तू । घर पे खाना नहीं मिलता क्या ? बाकी सब तो ठीक है, पर तुझे खाने को दाना नहीं मिलता क्या ? इन सब बातों से पहले फर्क पड़ता था मुझे । और सोचती थी , मेरा मजाक उड़ा कर क्या मिलता था तुझे । सब लोगो की बातें सुनकर ,आत्मविश्वास कमजोर हुआ । फिर सबसे दूर अकेले बैठ कर रोना - धोना शुरु हुआ । पर एक रोज , जब मेरी मुझसे ही मुलाकत हुई । जब मेरे सीरत की , मेरे सूरत से बात हुई । तब मैंने जाना..... मैं भी खूबसूरत हूँ । लोग कहते हैं , तेरा रंग काला है । और मेरे इन नुस्खों से, तुझे अपना रंग चमकाना है । और बस गोरा रंग ही अच्छा होता , मुझे समझना ही उनका मकसद था । काले रंग से लड़ने की , मेरी तैयारी शुरु हुई । हल्दी-बेसन, दुध-दही ; ना जाने कितनी चीजे मेरे चहरे पे पोती गयी । हार गयी जब सब कुछ कर के , तब ये बात महसूस हूई । आखिर ये मेरा रंग ही तो मेरी पहचान बनी । एक रोज जब आईने में मैंने खुद को देखा था, उसने कहा यही तेरे भाग्य की रेखा है । सारी शंका दूर होने के बाद मुझे अहसास ...